महाभारतम् — 2.57.3
Original
Segmented
उत्सङ्गेन व्याल इव आहृतः ऽसि मार्जार-वत् पोषकम् च उपहंसि भर्तृ-घ्न-त्वात् न हि पापीय आहुस् तस्मात् क्षत्तः किम् न बिभेषि पापात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उत्सङ्गेन | उत्सङ्ग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
व्याल | व्याल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
आहृतः | आहृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मार्जार | मार्जार | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
पोषकम् | पोषक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
उपहंसि | उपहन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
भर्तृ | भर्तृ | pos=n,comp=y |
घ्न | घ्न | pos=a,comp=y |
त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
पापीय | पापीयस् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आहुस् | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
क्षत्तः | क्षत्तृ | pos=n,g=,c=8,n=s |
किम् | किम् | pos=i |
न | न | pos=i |
बिभेषि | भी | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
पापात् | पाप | pos=n,g=n,c=5,n=s |