महाभारतम् — 2.57.17
Original
Segmented
लभ्यः खलु प्रातिपीय नरो अनुप्रिय-वाच् इह अप्रियस्य तु पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लभ्यः | लभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
खलु | खलु | pos=i |
प्रातिपीय | प्रातिपीय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
नरो | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अनुप्रिय | अनुप्रिय | pos=a,comp=y |
वाच् | वाच् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इह | इह | pos=i |
अप्रियस्य | अप्रिय | pos=a,g=n,c=6,n=s |
तु | तु | pos=i |
पथ्यस्य | पथ्य | pos=a,g=n,c=6,n=s |
वक्ता | वक्तृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
श्रोता | श्रोतृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
दुर्लभः | दुर्लभ | pos=a,g=m,c=1,n=s |