महाभारतम् — 2.56.5
Original
Segmented
दुर्योधनो ग्लहते पाण्डवेन प्रियायसे त्वम् जयति इति तत् च अति नर्मात् जायते संप्रहारो यतो विनाशः समुपैति पुंसाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दुर्योधनो | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ग्लहते | ग्लह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पाण्डवेन | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
प्रियायसे | प्रियाय् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
जयति | जि | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अति | अति | pos=i |
नर्मात् | नर्म | pos=n,g=m,c=5,n=s |
जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संप्रहारो | सम्प्रहार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यतो | यतस् | pos=i |
विनाशः | विनाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समुपैति | समुपे | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुंसाम् | पुंस् | pos=n,g=m,c=6,n=p |