महाभारतम् — 2.5.82
Original
Segmented
किंचिद् न लोभात् मोहात् वा विश्रम्भात् प्रणयेन वा आश्रितानाम् मनुष्याणाम् वृत्तिम् त्वम् संरुणत्सि च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
लोभात् | लोभ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
मोहात् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
वा | वा | pos=i |
विश्रम्भात् | विश्रम्भ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रणयेन | प्रणय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वा | वा | pos=i |
आश्रितानाम् | आश्रि | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
मनुष्याणाम् | मनुष्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
संरुणत्सि | संरुध् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |