महाभारतम् — 2.5.43
Original
Segmented
कच्चिद् विद्या-विनीतान् च नराञ् ज्ञान-विशारदान् यथार्हम् गुणात् च एव दानेन अभ्यवपद्यसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विद्या | विद्या | pos=n,comp=y |
विनीतान् | विनी | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
नराञ् | नर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ज्ञान | ज्ञान | pos=n,comp=y |
विशारदान् | विशारद | pos=a,g=m,c=2,n=p |
यथार्हम् | यथार्ह | pos=a,g=n,c=2,n=s |
गुणात् | गुण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
दानेन | दान | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अभ्यवपद्यसे | अभ्यवपद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |