Original

तच्छ्रुत्वा विदुरो धीमान्कलिद्वारमुपस्थितम् ।विनाशमुखमुत्पन्नं धृतराष्ट्रमुपाद्रवत् ॥ ५० ॥

Segmented

तत् श्रुत्वा विदुरो धीमान् कलि-द्वारम् उपस्थितम् विनाश-मुखम् उत्पन्नम् धृतराष्ट्रम् उपाद्रवत्

Analysis

Word Lemma Parse
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
विदुरो विदुर pos=n,g=m,c=1,n=s
धीमान् धीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
कलि कलि pos=n,comp=y
द्वारम् द्वार pos=n,g=n,c=2,n=s
उपस्थितम् उपस्था pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
विनाश विनाश pos=n,comp=y
मुखम् मुख pos=n,g=n,c=2,n=s
उत्पन्नम् उत्पद् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
धृतराष्ट्रम् धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=2,n=s
उपाद्रवत् उपद्रु pos=v,p=3,n=s,l=lan