महाभारतम् — 2.45.19
Original
Segmented
कदली-मृग-मोकानि कृष्ण-श्याम-अरुणानि च काम्बोजः प्राहिणोत् तस्मै परार्ध्यान् अपि कम्बलान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कदली | कदली | pos=n,comp=y |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
मोकानि | मोक | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कृष्ण | कृष्ण | pos=a,comp=y |
श्याम | श्याम | pos=a,comp=y |
अरुणानि | अरुण | pos=a,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
काम्बोजः | काम्बोज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्राहिणोत् | प्रहि | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
परार्ध्यान् | परार्ध्य | pos=a,g=m,c=2,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
कम्बलान् | कम्बल | pos=n,g=m,c=2,n=p |