महाभारतम् — 2.45.16
Original
Segmented
सपत्नान् ऋध्यतो ऽऽत्मानम् हीयमानम् निशाम्य च अदृश्याम् अपि कौन्तेये स्थिताम् पश्यन्न् इव उद्यताम् तस्माद् अहम् विवर्णः च दीनः च हरिणः कृशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सपत्नान् | सपत्न | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ऋध्यतो | ऋध् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
ऽऽत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हीयमानम् | हा | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
निशाम्य | निशामय् | pos=vi |
च | च | pos=i |
अदृश्याम् | अदृश्य | pos=a,g=f,c=2,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
कौन्तेये | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्थिताम् | स्था | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
पश्यन्न् | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
उद्यताम् | उद्यम् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
विवर्णः | विवर्ण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
दीनः | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
हरिणः | हरिण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |