महाभारतम् — 2.42.46
Original
Segmented
आपृच्छे त्वाम् गमिष्यामि द्वारकाम् कुरु-नन्दन राजसूयम् क्रतु-श्रेष्ठम् दिष्ट्या त्वम् प्राप्तवान् असि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आपृच्छे | आप्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
द्वारकाम् | द्वारका | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
नन्दन | नन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
राजसूयम् | राजसूय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्रतु | क्रतु | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठम् | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्राप्तवान् | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |