Original

न त्वहं तव धर्मज्ञ पश्याम्युपचयं क्वचित् ।न हि ते सेविता वृद्धा य एवं धर्ममब्रुवन् ॥ २५ ॥

Segmented

न तु अहम् तव धर्म-ज्ञ पश्यामि उपचयम् क्वचित् न हि ते सेविता वृद्धा य एवम् धर्मम् अब्रुवन्

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
तु तु pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
उपचयम् उपचय pos=n,g=m,c=2,n=s
क्वचित् क्वचिद् pos=i
pos=i
हि हि pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
सेविता सेव् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
वृद्धा वृद्ध pos=a,g=m,c=1,n=p
यद् pos=n,g=m,c=1,n=p
एवम् एवम् pos=i
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
अब्रुवन् ब्रू pos=v,p=3,n=p,l=lan