महाभारतम् — 2.32.6
Original
Segmented
हिरण्यस्य सुवर्णस्य रत्नानाम् च अन्ववेक्षणे दक्षिणानाम् च वै दाने कृपम् राजा न्ययोजयत् तथा अन्यान् पुरुष-व्याघ्रान् तस्मिन् तस्मिन् न्ययोजयत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हिरण्यस्य | हिरण्य | pos=n,g=n,c=6,n=s |
सुवर्णस्य | सुवर्ण | pos=n,g=n,c=6,n=s |
रत्नानाम् | रत्न | pos=n,g=n,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
अन्ववेक्षणे | अन्ववेक्षण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
दक्षिणानाम् | दक्षिणा | pos=n,g=f,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
वै | वै | pos=i |
दाने | दान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कृपम् | कृप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न्ययोजयत् | नियोजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तथा | तथा | pos=i |
अन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
व्याघ्रान् | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
न्ययोजयत् | नियोजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |