महाभारतम् — 2.32.10
Original
Segmented
न कश्चिद् आहरत् तत्र सहस्र-अवरम् अर्हणम् रत्नैः च बहुभिः तत्र धर्मराजम् अवर्धयन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आहरत् | आहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तत्र | तत्र | pos=i |
सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
अवरम् | अवर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अर्हणम् | अर्हण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
रत्नैः | रत्न | pos=n,g=n,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
बहुभिः | बहु | pos=a,g=n,c=3,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
धर्मराजम् | धर्मराज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अवर्धयन् | वर्धय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |