महाभारतम् — 2.30.45
Original
Segmented
भ्रातृभिः ज्ञातिभिः च एव सुहृद्भिः सचिवैः तथा क्षत्रियैः च मनुष्य-इन्द्र नाना देश-समागतैः अमात्यैः च नृप-श्रेष्ठः धर्मो विग्रहवान् इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भ्रातृभिः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
ज्ञातिभिः | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सुहृद्भिः | सुहृद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सचिवैः | सचिव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तथा | तथा | pos=i |
क्षत्रियैः | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
मनुष्य | मनुष्य | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
नाना | नाना | pos=i |
देश | देश | pos=n,comp=y |
समागतैः | समागम् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
अमात्यैः | अमात्य | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
नृप | नृप | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठः | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
धर्मो | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विग्रहवान् | विग्रहवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |