Original

तं धनौघमपर्यन्तं रत्नसागरमक्षयम् ।नादयन्रथघोषेण प्रविवेश पुरोत्तमम् ॥ १४ ॥

Segmented

तम् धन-ओघम् अपर्यन्तम् रत्न-सागरम् अक्षयम् नादयन् रथ-घोषेण प्रविवेश पुर-उत्तमम्

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
धन धन pos=n,comp=y
ओघम् ओघ pos=n,g=m,c=2,n=s
अपर्यन्तम् अपर्यन्त pos=a,g=m,c=2,n=s
रत्न रत्न pos=n,comp=y
सागरम् सागर pos=n,g=m,c=2,n=s
अक्षयम् अक्षय pos=a,g=m,c=2,n=s
नादयन् नादय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
रथ रथ pos=n,comp=y
घोषेण घोष pos=n,g=m,c=3,n=s
प्रविवेश प्रविश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
पुर पुर pos=n,comp=y
उत्तमम् उत्तम pos=a,g=n,c=2,n=s