महाभारतम् — 2.3.17
Original
Segmented
तद् आहृत्य तु ताम् चक्रे सो ऽसुरो ऽप्रतिमाम् सभाम् विश्रुताम् त्रिषु लोकेषु दिव्याम् मणि-मयीम् शुभाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आहृत्य | आहृ | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽसुरो | असुर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽप्रतिमाम् | अप्रतिम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
सभाम् | सभा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
विश्रुताम् | विश्रु | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
दिव्याम् | दिव्य | pos=a,g=f,c=2,n=s |
मणि | मणि | pos=n,comp=y |
मयीम् | मय | pos=a,g=f,c=2,n=s |
शुभाम् | शुभ | pos=a,g=f,c=2,n=s |