महाभारतम् — 2.23.6
Original
Segmented
स्वस्ति वाचयित्वा अर्हतः विप्रान् प्रयाहि भरत-ऋषभ दुर्हृदाम् अप्रहर्षाय सुहृदाम् नन्दनाय च विजयः ते ध्रुवम् पार्थ प्रियम् कामम् अवाप्नुहि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वाचयित्वा | वाचय् | pos=vi |
अर्हतः | अर्ह् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
विप्रान् | विप्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रयाहि | प्रया | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
दुर्हृदाम् | दुर्हृद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अप्रहर्षाय | अप्रहर्ष | pos=n,g=m,c=4,n=s |
सुहृदाम् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
नन्दनाय | नन्दन | pos=n,g=n,c=4,n=s |
च | च | pos=i |
विजयः | विजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
कामम् | काम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अवाप्नुहि | अवाप् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |