Original

विष्णो समवसन्नानां गिरिदुर्गे सुदारुणे ।दिष्ट्या मोक्षाद्यशो दीप्तमाप्तं ते पुरुषोत्तम ॥ ३३ ॥

Segmented

विष्णो समवसन्नानाम् गिरि-दुर्गे सु दारुणे दिष्ट्या मोक्षाद् यशो दीप्तम् आप्तम् ते पुरुषोत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
विष्णो विष्णु pos=n,g=m,c=8,n=s
समवसन्नानाम् समवसद् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
गिरि गिरि pos=n,comp=y
दुर्गे दुर्ग pos=n,g=n,c=7,n=s
सु सु pos=i
दारुणे दारुण pos=a,g=n,c=7,n=s
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
मोक्षाद् मोक्ष pos=n,g=m,c=5,n=s
यशो यशस् pos=n,g=n,c=1,n=s
दीप्तम् दीप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
आप्तम् आप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
पुरुषोत्तम पुरुषोत्तम pos=n,g=m,c=8,n=s