महाभारतम् — 2.20.3
Original
Segmented
अथ धर्म-उपघातात् हि मनः समुपतप्यते यो ऽनागसि प्रसृजति क्षत्रियो ऽपि न संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
उपघातात् | उपघात | pos=n,g=m,c=5,n=s |
हि | हि | pos=i |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
समुपतप्यते | समुपतप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽनागसि | अनागस् | pos=a,g=m,c=7,n=s |
प्रसृजति | प्रसृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्षत्रियो | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
न | न | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |