Original

मागधानां सुरुचिरं चैत्यकान्तं समाद्रवन् ।शिरसीव जिघांसन्तो जरासंधजिघांसवः ॥ १७ ॥

Segmented

मागधानाम् सु रुचिरम् चैत्यक-अन्तम् समाद्रवन् शिरसि इव जिघांसन्तो जरासंध-जिघांसवः

Analysis

Word Lemma Parse
मागधानाम् मागध pos=n,g=m,c=6,n=p
सु सु pos=i
रुचिरम् रुचिर pos=a,g=m,c=2,n=s
चैत्यक चैत्यक pos=n,comp=y
अन्तम् अन्त pos=n,g=m,c=2,n=s
समाद्रवन् समाद्रु pos=v,p=3,n=p,l=lan
शिरसि शिरस् pos=n,g=n,c=7,n=s
इव इव pos=i
जिघांसन्तो जिघांस् pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
जरासंध जरासंध pos=n,comp=y
जिघांसवः जिघांसु pos=a,g=m,c=1,n=p