Original

एवमेव यदुश्रेष्ठं पार्थः कार्यार्थसिद्धये ।अर्जुनः कृष्णमन्वेतु भीमोऽन्वेतु धनंजयम् ।नयो जयो बलं चैव विक्रमे सिद्धिमेष्यति ॥ २० ॥

Segmented

एवम् एव यदुश्रेष्ठम् पार्थः कार्य-अर्थ-सिद्धये अर्जुनः कृष्णम् अन्वेतु भीमो ऽन्वेतु धनंजयम् नयो जयो बलम् च एव विक्रमे सिद्धिम् एष्यति

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
एव एव pos=i
यदुश्रेष्ठम् यदुश्रेष्ठ pos=n,g=m,c=2,n=s
पार्थः पार्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
कार्य कार्य pos=n,comp=y
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
सिद्धये सिद्धि pos=n,g=f,c=4,n=s
अर्जुनः अर्जुन pos=n,g=m,c=1,n=s
कृष्णम् कृष्ण pos=n,g=m,c=2,n=s
अन्वेतु अन्वि pos=v,p=3,n=s,l=lot
भीमो भीम pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽन्वेतु अन्वि pos=v,p=3,n=s,l=lot
धनंजयम् धनंजय pos=n,g=m,c=2,n=s
नयो नय pos=n,g=m,c=1,n=s
जयो जय pos=n,g=m,c=1,n=s
बलम् बल pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
एव एव pos=i
विक्रमे विक्रम pos=n,g=m,c=7,n=s
सिद्धिम् सिद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
एष्यति pos=v,p=3,n=s,l=lrt