Original

विशाला बहुला भूमिर्बहुरत्नसमाचिता ।दूरं गत्वा विजानाति श्रेयो वृष्णिकुलोद्वह ॥ ४ ॥

Segmented

विशाला बहुला भूमिः बहु-रत्न-समाचिता दूरम् गत्वा विजानाति श्रेयो वृष्णि-कुल-उद्वहैः

Analysis

Word Lemma Parse
विशाला विशाल pos=a,g=f,c=1,n=s
बहुला बहुल pos=a,g=f,c=1,n=s
भूमिः भूमि pos=n,g=f,c=1,n=s
बहु बहु pos=a,comp=y
रत्न रत्न pos=n,comp=y
समाचिता समाचि pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
दूरम् दूर pos=a,g=n,c=2,n=s
गत्वा गम् pos=vi
विजानाति विज्ञा pos=v,p=3,n=s,l=lat
श्रेयो श्रेयस् pos=n,g=n,c=2,n=s
वृष्णि वृष्णि pos=n,comp=y
कुल कुल pos=n,comp=y
उद्वहैः उद्वह pos=a,g=m,c=8,n=s