Original

प्रोक्षितानां प्रमृष्टानां राज्ञां पशुपतेर्गृहे ।पशूनामिव का प्रीतिर्जीविते भरतर्षभ ॥ १७ ॥

Segmented

प्रोक्षितानाम् प्रमृष्टानाम् राज्ञाम् पशुपतेः गृहे पशूनाम् इव का प्रीतिः जीविते भरत-ऋषभ

Analysis

Word Lemma Parse
प्रोक्षितानाम् प्रोक्ष् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
प्रमृष्टानाम् प्रमृज् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
राज्ञाम् राजन् pos=n,g=m,c=6,n=p
पशुपतेः पशुपति pos=n,g=m,c=6,n=s
गृहे गृह pos=n,g=m,c=7,n=s
पशूनाम् पशु pos=n,g=m,c=6,n=p
इव इव pos=i
का pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रीतिः प्रीति pos=n,g=f,c=1,n=s
जीविते जीवित pos=n,g=n,c=7,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s