महाभारतम् — 2.12.24
Original
Segmented
न हि यज्ञ-समारम्भः केवल-आत्म-विपत्तये भवति इति समाज्ञाय यत्नतः कार्यम् उद्वहन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
समारम्भः | समारम्भ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
केवल | केवल | pos=a,comp=y |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
विपत्तये | विपत्ति | pos=n,g=f,c=4,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
समाज्ञाय | समाज्ञा | pos=vi |
यत्नतः | यत्न | pos=n,g=m,c=5,n=s |
कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उद्वहन् | उद्वह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |