महाभारतम् — 2.11.70
Original
Segmented
एतत् संचिन्त्य राज-इन्द्र यत् क्षमम् तत् समाचर अप्रमत्त-उत्थितः नित्यम् चातुर्वर्ण्यस्य रक्षणे भव एधस्व मोदस्व दानैः तर्पय च द्विजान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
संचिन्त्य | संचिन्तय् | pos=vi |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
क्षमम् | क्षम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समाचर | समाचर् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अप्रमत्त | अप्रमत्त | pos=a,comp=y |
उत्थितः | उत्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
चातुर्वर्ण्यस्य | चातुर्वर्ण्य | pos=n,g=n,c=6,n=s |
रक्षणे | रक्षण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
एधस्व | एध् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मोदस्व | मुद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
दानैः | दान | pos=n,g=n,c=3,n=p |
तर्पय | तर्पय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
च | च | pos=i |
द्विजान् | द्विज | pos=n,g=m,c=2,n=p |