महाभारतम् — 2.11.61
Original
Segmented
समाप्य च हरिश्चन्द्रो महा-यज्ञम् प्रतापवान् अभिषिक्तः स शुशुभे साम्राज्येन नर-अधिपैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समाप्य | समाप् | pos=vi |
च | च | pos=i |
हरिश्चन्द्रो | हरिश्चन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
यज्ञम् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अभिषिक्तः | अभिषिच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शुशुभे | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
साम्राज्येन | साम्राज्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
नर | नर | pos=n,comp=y |
अधिपैः | अधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |