महाभारतम् — 2.11.52
Original
Segmented
नारद उवाच यत् माम् पृच्छसि राज-इन्द्र हरिश्चन्द्रम् प्रति प्रभो तत् ते ऽहम् सम्प्रवक्ष्यामि माहात्म्यम् तस्य धीमतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
पृच्छसि | प्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
हरिश्चन्द्रम् | हरिश्चन्द्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सम्प्रवक्ष्यामि | सम्प्रवच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
माहात्म्यम् | माहात्म्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धीमतः | धीमत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |