Original

प्रतिगृह्य च विश्वात्मा स्वयंभूरमितप्रभः ।सान्त्वमानार्थसंभोगैर्युनक्ति मनुजाधिप ॥ ३८ ॥

Segmented

प्रतिगृह्य च विश्वात्मा स्वयंभूः अमित-प्रभः सान्त्व-मान-अर्थ-संभोगैः युनक्ति मनुज-अधिपैः

Analysis

Word Lemma Parse
प्रतिगृह्य प्रतिग्रह् pos=vi
pos=i
विश्वात्मा विश्वात्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
स्वयंभूः स्वयम्भु pos=n,g=m,c=1,n=s
अमित अमित pos=a,comp=y
प्रभः प्रभा pos=n,g=m,c=1,n=s
सान्त्व सान्त्व pos=n,comp=y
मान मान pos=n,comp=y
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
संभोगैः सम्भोग pos=n,g=m,c=3,n=p
युनक्ति युज् pos=v,p=3,n=s,l=lat
मनुज मनुज pos=n,comp=y
अधिपैः अधिप pos=n,g=m,c=8,n=s