Original

चरन्मानुषरूपेण सभां दृष्ट्वा स्वयंभुवः ।सभामकथयन्मह्यं ब्राह्मीं तत्त्वेन पाण्डव ॥ २ ॥

Segmented

चरन् मानुष-रूपेण सभाम् दृष्ट्वा स्वयंभुवः सभाम् अकथयत् मे ब्राह्मीम् तत्त्वेन पाण्डव

Analysis

Word Lemma Parse
चरन् चर् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मानुष मानुष pos=a,comp=y
रूपेण रूप pos=n,g=n,c=3,n=s
सभाम् सभा pos=n,g=f,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
स्वयंभुवः स्वयम्भु pos=n,g=m,c=6,n=s
सभाम् सभा pos=n,g=f,c=2,n=s
अकथयत् कथय् pos=v,p=3,n=s,l=lan
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
ब्राह्मीम् ब्राह्म pos=a,g=f,c=2,n=s
तत्त्वेन तत्त्व pos=n,g=n,c=3,n=s
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s