महाभारतम् — 2.1.6
Original
Segmented
अर्जुन उवाच प्राण-कृच्छ्रात् विमुक्तम् त्वम् आत्मानम् मन्यसे मया एवम् गते न शक्ष्यामि किंचित् कारयितुम् त्वया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्राण | प्राण | pos=n,comp=y |
कृच्छ्रात् | कृच्छ्र | pos=n,g=m,c=5,n=s |
विमुक्तम् | विमुच् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
गते | गम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
शक्ष्यामि | शक् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कारयितुम् | कारय् | pos=vi |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |