महाभारतम् — 2.1.3
Original
Segmented
अर्जुन उवाच कृतम् एव त्वया सर्वम् स्वस्ति गच्छ महा-असुर प्रीतिमान् भव मे नित्यम् प्रीतिमन्तो वयम् च ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
एव | एव | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=n,c=2,n=s |
गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
असुर | असुर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रीतिमान् | प्रीतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
प्रीतिमन्तो | प्रीतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |