महाभारतम् — 17.3.6
Original
Segmented
निक्षिप्य मानुषम् देहम् गतास् ते भरत-ऋषभ अनेन त्वम् शरीरेण स्वर्गम् गन्ता न संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निक्षिप्य | निक्षिप् | pos=vi |
मानुषम् | मानुष | pos=a,g=m,c=2,n=s |
देहम् | देह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गतास् | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अनेन | इदम् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
शरीरेण | शरीर | pos=n,g=n,c=3,n=s |
स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गन्ता | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
न | न | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |