Original

जनमेजय उवाच ।एवं वृष्ण्यन्धककुले श्रुत्वा मौसलमाहवम् ।पाण्डवाः किमकुर्वन्त तथा कृष्णे दिवं गते ॥ १ ॥

Segmented

जनमेजय उवाच एवम् वृष्णि-अन्धक-कुले श्रुत्वा मौसलम् आहवम् पाण्डवाः किम् अकुर्वन्त तथा कृष्णे दिवम् गते

Analysis

Word Lemma Parse
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
एवम् एवम् pos=i
वृष्णि वृष्णि pos=n,comp=y
अन्धक अन्धक pos=n,comp=y
कुले कुल pos=n,g=n,c=7,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
मौसलम् मौसल pos=a,g=m,c=2,n=s
आहवम् आहव pos=n,g=m,c=2,n=s
पाण्डवाः पाण्डव pos=n,g=m,c=1,n=p
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
अकुर्वन्त कृ pos=v,p=3,n=p,l=lan
तथा तथा pos=i
कृष्णे कृष्ण pos=n,g=m,c=7,n=s
दिवम् दिव् pos=n,g=,c=2,n=s
गते गम् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part