महाभारतम् — 16.8.61
Original
Segmented
प्रेक्ः तु एव पार्थस्य वृष्णि-अन्धक-वर-स्त्रियः जग्मुः आदाय ते म्लेच्छाः समन्तात् जनमेजयैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रेक्ः | प्रेक्ष् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
एव | एव | pos=i |
पार्थस्य | पार्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
अन्धक | अन्धक | pos=n,comp=y |
वर | वर | pos=a,comp=y |
स्त्रियः | स्त्री | pos=n,g=f,c=2,n=p |
जग्मुः | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
आदाय | आदा | pos=vi |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
म्लेच्छाः | म्लेच्छ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
समन्तात् | समन्तात् | pos=i |
जनमेजयैः | जनमेजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |