महाभारतम् — 16.8.42
Original
Segmented
काननेषु च रम्येषु पर्वतेषु नदीषु च निवसन्न् आनयामास वृष्णि-दारान् धनंजयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
काननेषु | कानन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
रम्येषु | रम्य | pos=a,g=n,c=7,n=p |
पर्वतेषु | पर्वत | pos=n,g=m,c=7,n=p |
नदीषु | नदी | pos=n,g=f,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
निवसन्न् | निवस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
आनयामास | आनी | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
दारान् | दार | pos=n,g=m,c=2,n=p |
धनंजयः | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |