महाभारतम् — 16.6.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच दारुको ऽपि कुरून् गत्वा दृष्ट्वा पार्थान् महा-रथान् आचष्ट मौसले वृष्णीन् अन्योन्येन उपसंहृतान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दारुको | दारुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
कुरून् | कुरु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
गत्वा | गम् | pos=vi |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
पार्थान् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
रथान् | रथ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
आचष्ट | आचक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
मौसले | मौसल | pos=a,g=m,c=7,n=s |
वृष्णीन् | वृष्णि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अन्योन्येन | अन्योन्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
उपसंहृतान् | उपसंहृ | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |