महाभारतम् — 16.2.2
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच षट्त्रिंशे ऽथ ततो वर्षे वृष्णीनाम् अनयो महान् अन्योन्यम् मुसलैः ते तु निजघ्नुः काल-चोदिताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
षट्त्रिंशे | षट्त्रिंश | pos=a,g=m,c=7,n=s |
ऽथ | अथ | pos=i |
ततो | ततस् | pos=i |
वर्षे | वर्ष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वृष्णीनाम् | वृष्णि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अनयो | अनय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अन्योन्यम् | अन्योन्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मुसलैः | मुसल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
निजघ्नुः | निहन् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
काल | काल | pos=n,comp=y |
चोदिताः | चोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |