महाभारतम् — 15.46.12
Original
Segmented
यत्र अदहत् स भगवान् मातरम् सव्यसाचिनः कृत्वा यो ब्राह्मण-छद्मन् भिक्षा-अर्थी समुपागतः धिग् अग्निम् धिक् च पार्थस्य विश्रुताम् सत्यसंधताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
अदहत् | दह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
मातरम् | मातृ | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सव्यसाचिनः | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,comp=y |
छद्मन् | छद्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भिक्षा | भिक्षा | pos=n,comp=y |
अर्थी | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समुपागतः | समुपागम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धिग् | धिक् | pos=i |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
धिक् | धिक् | pos=i |
च | च | pos=i |
पार्थस्य | पार्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विश्रुताम् | विश्रु | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
सत्यसंधताम् | सत्यसंधता | pos=n,g=f,c=2,n=s |