महाभारतम् — 15.45.21
Original
Segmented
समाविद्धे वने तस्मिन् प्राप्ते व्यसन उत्तमे निराहार-तया राजा मन्द-प्राण-विचेष्टितः असमर्थो ऽपसरणे सु कृशौ मातरौ च ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समाविद्धे | समाव्यध् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
प्राप्ते | प्राप् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
व्यसन | व्यसन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
उत्तमे | उत्तम | pos=a,g=n,c=7,n=s |
निराहार | निराहार | pos=a,comp=y |
तया | ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मन्द | मन्द | pos=a,comp=y |
प्राण | प्राण | pos=n,comp=y |
विचेष्टितः | विचेष्टित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
असमर्थो | असमर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽपसरणे | अपसरण | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सु | सु | pos=i |
कृशौ | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=d |
मातरौ | मातृ | pos=n,g=f,c=1,n=d |
च | च | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |