Original

शून्येयं च मही सर्वा न मे प्रीतिकरी शुभे ।बान्धवा नः परिक्षीणा बलं नो न यथा पुरा ॥ ३१ ॥

Segmented

शून्या इयम् च मही सर्वा न मे प्रीति-करी शुभे बान्धवा नः परिक्षीणा बलम् नो न यथा पुरा

Analysis

Word Lemma Parse
शून्या शून्य pos=a,g=f,c=1,n=s
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
मही मही pos=n,g=f,c=1,n=s
सर्वा सर्व pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
प्रीति प्रीति pos=n,comp=y
करी कर pos=a,g=f,c=1,n=s
शुभे शुभ pos=a,g=f,c=8,n=s
बान्धवा बान्धव pos=n,g=m,c=1,n=p
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
परिक्षीणा परिक्षि pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part
बलम् बल pos=n,g=n,c=1,n=s
नो मद् pos=n,g=,c=6,n=p
pos=i
यथा यथा pos=i
पुरा पुरा pos=i