महाभारतम् — 15.44.27
Original
Segmented
इति उक्तवान् स तु गान्धार्या कुन्तीम् इदम् उवाच ह स्नेह-बाष्प-आकुले नेत्रे प्रमृज्य रुदतीम् वचः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
गान्धार्या | गान्धारी | pos=n,g=f,c=3,n=s |
कुन्तीम् | कुन्ती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ह | ह | pos=i |
स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
बाष्प | बाष्प | pos=n,comp=y |
आकुले | आकुल | pos=a,g=n,c=2,n=d |
नेत्रे | नेत्र | pos=n,g=n,c=2,n=d |
प्रमृज्य | प्रमृज् | pos=vi |
रुदतीम् | रुद् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |