महाभारतम् — 15.44.2
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तद् दृष्ट्वा महद् आश्चर्यम् पुत्राणाम् दर्शनम् पुनः वीत-शोकः स राज-ऋषिः पुनः आश्रमम् आगमत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आश्चर्यम् | आश्चर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुत्राणाम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
वीत | वी | pos=va,comp=y,f=part |
शोकः | शोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
ऋषिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आगमत् | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |