महाभारतम् — 15.43.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच अ दृष्ट्वा तु नृपः पुत्रान् दर्शनम् प्रतिलब्धवान् ऋषि-प्रसादात् पुत्राणाम् स्वरूपाणाम् कुरु-उद्वह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अ | अ | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
नृपः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुत्रान् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रतिलब्धवान् | प्रतिलभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऋषि | ऋषि | pos=n,comp=y |
प्रसादात् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
पुत्राणाम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
स्वरूपाणाम् | स्वरूप | pos=n,g=n,c=6,n=p |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
उद्वह | उद्वह | pos=n,g=m,c=8,n=s |