महाभारतम् — 15.42.15
Original
Segmented
परापर-ज्ञः तु नरो न अभिमानात् उदीरितः अपर-ज्ञः पराम् बुद्धिम् स्पृष्ट्वा मोहाद् विमुच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
परापर | परापर | pos=a,comp=y |
ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
नरो | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
अभिमानात् | अभिमान | pos=n,g=m,c=5,n=s |
उदीरितः | उदीरय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अपर | अपर | pos=n,comp=y |
ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पराम् | पर | pos=n,g=f,c=2,n=s |
बुद्धिम् | बुद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
स्पृष्ट्वा | स्पृश् | pos=vi |
मोहाद् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
विमुच्यते | विमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |