महाभारतम् — 15.41.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततस् ते भरत-श्रेष्ठाः समाजग्मुः परस्परम् विगत-क्रोध-मात्सर्याः सर्वे विगत-कल्मषाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ततस् | ततस् | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठाः | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
समाजग्मुः | समागम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
परस्परम् | परस्पर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विगत | विगम् | pos=va,comp=y,f=part |
क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
मात्सर्याः | मात्सर्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विगत | विगम् | pos=va,comp=y,f=part |
कल्मषाः | कल्मष | pos=n,g=m,c=1,n=p |