Original

यच्च वो हृदि सर्वेषां दुःखमेनच्चिरं स्थितम् ।तदद्य व्यपनेष्यामि परलोककृताद्भयात् ॥ १७ ॥

Segmented

यत् च वो हृदि सर्वेषाम् दुःखम् एनत् चिरम् स्थितम् तद् अद्य व्यपनेष्यामि पर-लोक-कृतात् भयात्

Analysis

Word Lemma Parse
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
वो त्वद् pos=n,g=,c=6,n=p
हृदि हृद् pos=n,g=n,c=7,n=s
सर्वेषाम् सर्व pos=n,g=n,c=6,n=p
दुःखम् दुःख pos=n,g=n,c=1,n=s
एनत् एनद् pos=n,g=n,c=1,n=s
चिरम् चिरम् pos=i
स्थितम् स्था pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अद्य अद्य pos=i
व्यपनेष्यामि व्यपनी pos=v,p=1,n=s,l=lrt
पर पर pos=n,comp=y
लोक लोक pos=n,comp=y
कृतात् कृ pos=va,g=n,c=5,n=s,f=part
भयात् भय pos=n,g=n,c=5,n=s