महाभारतम् — 15.36.33
Original
Segmented
एतत् सर्वम् अनुस्मृत्य दह्यमानो दिवानिशम् न शान्तिम् अधिगच्छामि दुःख-शोक-समाहतः इति मे चिन्तयानस्य पितः शर्म न विद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अनुस्मृत्य | अनुस्मृ | pos=vi |
दह्यमानो | दह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दिवानिशम् | दिवानिशम् | pos=i |
न | न | pos=i |
शान्तिम् | शान्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अधिगच्छामि | अधिगम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
समाहतः | समाहन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इति | इति | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
चिन्तयानस्य | चिन्तय् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
पितः | पितृ | pos=n,g=,c=8,n=s |
शर्म | शर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |