महाभारतम् — 15.34.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् सा रजनी तेषाम् आश्रमे पुण्य-कर्मणाम् शिवा नक्षत्र-सम्पन्ना सा व्यतीयाय भारत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
रजनी | रजनी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
कर्मणाम् | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
शिवा | शिव | pos=a,g=f,c=1,n=s |
नक्षत्र | नक्षत्र | pos=n,comp=y |
सम्पन्ना | सम्पद् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
व्यतीयाय | व्यती | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |