Original

वैशंपायन उवाच ।एवं सा रजनी तेषामाश्रमे पुण्यकर्मणाम् ।शिवा नक्षत्रसंपन्ना सा व्यतीयाय भारत ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच एवम् सा रजनी तेषाम् आश्रमे पुण्य-कर्मणाम् शिवा नक्षत्र-सम्पन्ना सा व्यतीयाय भारत

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
एवम् एवम् pos=i
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
रजनी रजनी pos=n,g=f,c=1,n=s
तेषाम् तद् pos=n,g=m,c=6,n=p
आश्रमे आश्रम pos=n,g=m,c=7,n=s
पुण्य पुण्य pos=a,comp=y
कर्मणाम् कर्मन् pos=n,g=m,c=6,n=p
शिवा शिव pos=a,g=f,c=1,n=s
नक्षत्र नक्षत्र pos=n,comp=y
सम्पन्ना सम्पद् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
व्यतीयाय व्यती pos=v,p=3,n=s,l=lit
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s