Original

कुन्तीसमीपे पुरुषोत्तमौ तु यमाविमौ विष्णुमहेन्द्रकल्पौ ।मनुष्यलोके सकले समोऽस्ति ययोर्न रूपे न बले न शीले ॥ ८ ॥

Segmented

कुन्ती-समीपे पुरुष-उत्तमौ तु यमौ इमौ विष्णु-महा-इन्द्र-कल्पौ मनुष्य-लोके सकले समो ऽस्ति ययोः न रूपे न बले न शीले

Analysis

Word Lemma Parse
कुन्ती कुन्ती pos=n,comp=y
समीपे समीप pos=n,g=n,c=7,n=s
पुरुष पुरुष pos=n,comp=y
उत्तमौ उत्तम pos=a,g=m,c=1,n=d
तु तु pos=i
यमौ यम pos=n,g=m,c=1,n=d
इमौ इदम् pos=n,g=m,c=1,n=d
विष्णु विष्णु pos=n,comp=y
महा महत् pos=a,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,comp=y
कल्पौ कल्प pos=a,g=m,c=1,n=d
मनुष्य मनुष्य pos=n,comp=y
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
सकले सकल pos=a,g=m,c=7,n=s
समो सम pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽस्ति अस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
ययोः यद् pos=n,g=m,c=6,n=d
pos=i
रूपे रूप pos=n,g=n,c=7,n=s
pos=i
बले बल pos=n,g=n,c=7,n=s
pos=i
शीले शील pos=n,g=n,c=7,n=s