महाभारतम् — 15.32.18
Original
Segmented
योधेषु च अपि आश्रम-मण्डलम् तम् मुक्त्वा निविष्टेषु विमुच्य पत्रम् स्त्री-वृद्ध-बाले च सु संनिविष्टे यथार्हतः कुशलम् पर्यपृच्छत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
योधेषु | योध | pos=n,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
मण्डलम् | मण्डल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मुक्त्वा | मुच् | pos=vi |
निविष्टेषु | निविश् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
विमुच्य | विमुच् | pos=vi |
पत्रम् | पत्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्त्री | स्त्री | pos=n,comp=y |
वृद्ध | वृद्ध | pos=a,comp=y |
बाले | बाल | pos=a,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
सु | सु | pos=i |
संनिविष्टे | संनिविश् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
यथार्हतः | यथार्ह | pos=a,g=n,c=5,n=s |
कुशलम् | कुशल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पर्यपृच्छत् | परिप्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |