महाभारतम् — 15.32.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच स तैः सह नर-व्याघ्रैः भ्रातृभिः भरत-ऋषभ राजा रुचिर-पद्म-अक्षैः आसांचक्रे तदा आश्रमे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सह | सह | pos=i |
नर | नर | pos=n,comp=y |
व्याघ्रैः | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
भ्रातृभिः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रुचिर | रुचिर | pos=a,comp=y |
पद्म | पद्म | pos=n,comp=y |
अक्षैः | अक्ष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आसांचक्रे | आस् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तदा | तदा | pos=i |
आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |